shiv chalisa lyrics in english Fundamentals Explained

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मातु पिता भ्राता सब कोई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥

आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठेत् सर्वदा भर्गभावानुरक्तः ।

तदा एव काश्चन परीक्षाः समाप्ताः भवन्ति।

महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।

जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।

दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

शिव चालीसा करने से भगवान शिव आप में उन सभी गुणों को भर देते हैं जो कि आप को सफल बनाने के लिए आवश्यक है इसीलिए शिव चालीसा का पाठ करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी तथा सभी समस्याओं का निराकरण हो जाएगा।

अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया get more info है।

पार्थिव शिवलिंग पूजन सामग्री – पार्थिव शिवलिंग रुद्राभिषेक कैसे करते है

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